December 23, 2025

औद्योगिक समूहों द्वारा कार्पोरेट पर्यावरण उत्तरदायित्व के तहत विविध संस्थाओं को मैडिकल कालेज, स्कूल एवं परिसरों में समग्र विकास के लिए तैयार की गई है व्यापक योजना- पी के दास

मई 2024 से जनवरी 2025 तक 26 बैठकों के माध्यम से 258 प्रस्तावों पर हुआ विचार

खरखौदा-सोनीपत और मानेसर-गुरुग्राम में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड परियोजना द्वारा गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज, सिरसा को प्रदान की गई पर्यावरण मंजूरी

अप्रैल 2024 में पी के दास, आईएएस को पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा अधिसूचना एस.ओ. संख्या 1707 (ई) दिनांक 12.04.2024 के तहत राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण, हरियाणा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। अपनी नियुक्ति के पहले दिन से ही पी के दास ने उद्योग जगत के साथ विविध बैठकों एवं प्रेरणा शिविरों के माध्यम से पर्यावरण उत्तरदायित्व योजना के तहत हरियाणा के विविध संस्थानों एवं परिसरों में व्यापक योजना का व्यवहारिक रूप प्रदान करने का कार्य किया है।

1 मई, 2024 तक राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण, हरियाणा के समक्ष 98 प्रस्ताव लंबित थे। 15.04.2024 से आज तक प्राधिकरण ने 26 बैठकों में 258 प्रस्तावों पर विचार किया। इनमें से 214 विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाएं, अस्पताल, हर्बल प्रसंस्करण इकाई, इस्पात उद्योग, औद्योगिक शेड/गोदाम, मेडिकल कॉलेज, संस्थान स्कूल, अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयां और 32 खनन प्रस्तावों को पर्यावरण मंजूरी दी गई। उपरोक्त परियोजनाओं का कुल परियोजना मूल्य 2,62,670.30 करोड़ है। विदित है कि 9 सरकारी परियोजनाओं को भी पर्यावरण मंजूरी प्रदान की गई है। इनमें उल्लेखनीय हैं रेवाड़ी में एम्स अस्पताल, अमृता अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज, कल्पना चावला गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज करनाल, गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज यमुनानगर हरियाणा, हिसार में नागरिक उड्डयन का एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र एम/एस नोर्थ स्टार टावर्स प्राईवेट लिमिटेड को ग्रुप हाउसिंग के लिए ऋण दिया गया है

खनन क्षेत्र में माईनिंग कम्पनियां प्रभावित क्षेत्र के आसपास के किसी नजदीकी गांव के पंचायती जमीन पर पौधारोपण करके वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रयास करेंगे। पौधारोपण के लिए औषधिय एवं फलदार वनस्पतियों को प्राथमिकता दी जाएगी। लगातार 5 वर्षों तक उसकी देखभाल करके उस गांव के किसान एवं पंचायत को वापिस कर दिया जाएगा जिससे वहां के स्थानीय लोगों के आय में वृद्धि हो सके।

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