December 22, 2025

ऐतिहासिक नूरपुर अपने नूर व अस्तित्व को बचाने की लड़ाई में जूझ रहा है: सुदर्शन शर्मा

कभी जिला बनने की दौड़ में शामिल नूरपुर अब लड़ रहा अपना अस्तित्व बचाए रखने की लड़ाई

अब अधिकतर सरकारी कार्यालय अन्य विधानसभाओं में हो रहे स्थानांतरित

रघुनाथ शर्मा बेबाक़, नूरपुर: पंजाब व जम्मू-कश्मीर की तरफ से हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार की विधानसभा क्षेत्र नूरपूर जो प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा की ही नही बल्कि किसी जमाने मे पूरे हिमाचल की सबसे
बड़ी तहसील होने का गौरव प्राप्त था। जो अब प्रदेश के राजनीतिज्ञों की ख्वाहिशो के चलते धीमे धीमे सिकुड़ती जा रही।
अगर नूरपुर को पूर्व राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो नूरपुर विधानसभा का परिधि क्षेत्र में पहले ज्वाली, फतेहपुर, इंदौरा का कुछ हिस्सा नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था, और नूरपुर जिला बनने की ओर अग्रसर था। लेकिन न जाने कौन सी राजनीतिक ख्वाहिशो के चलते दुर्घटना ग्रस्त हो कर ऐतहासिक नूरपुर अपने नूर व अस्तित्व को बचाने की लड़ाई में जूझ रहा है। यह बातें कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने अपने दफ्तर में मीडिया के सामने रखीं।
उन्होंने कहा कि कभी उपरोक्त तीनों विधानसभा क्षेत्रों की अधिकतम पंचायतें नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में हुआ करती थी। जिसमें फतेहपुर की 13 पंचायतें, ज्वाली की चार पंचायतें जिसमें कोटला वैल्ट भी शामिल थी। यहां एक तरफ नूरपुर पूर्ण जिले का गौरव प्राप्त होने की ओर अग्रसर था वहीँ अब नूरपुर अपने नूर तरसता दिखाई दे रहा है, कहीं दूर डूबता दिखाई दे रहा है।
शर्मा ने आगे कहा की नूरपुर के अधिकतर कार्यालय भी अन्य विधानसभा क्षेत्रों को स्थानांतरित कर दिए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सबका मुख्य कारण नूरपुर में राजनीतिक नेताओं की आपसी प्रतिद्वंदिता के कारण क्षेत्र के नेताओं की पकड़ कमजोर पड़ रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि जब तक नूरपुर पर राजनीतिक दृष्टि से हिमाचल के फील्ड मार्शल रहे स्वर्गीय श्री सत महाजन का ब्रहृमहस्त नुरपुर परिवार का रहा मजाल कि नूरपुर के किसी पटवार सर्कल पर भी किसी ने कुदृष्टि से देखा हो।
सुदर्शन शर्मा ने बताया कि नूरपुर मंडल के अंतर्गत चार विधानसभा क्षेत्र आते है। लेकिन अब राजनीति गलियारों में एक आम चर्चा है कि उपरोक्त चारो विधानसभाओं को काट-पिट कर एक ओर विधानसभा का बनना लगभग तय माना जा रहा है। 2027 के चुनाव आने के पहले पहले परिसिमन प्रिक्रिया जारी है।
परिसिमन प्रिक्रिया सीमांकन होने की चर्चा में हो सकता है नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का कुछ और हिस्सा काटकर प्रस्तावित नई गंगथ विधानसभा नाम से अस्तित्व मे आने वाली विधानसभा क्षेत्र में जा सकता है।
उन्होंने कहा कि संपूर्ण हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा क्षेत्रों की संख्या को बढ़ा कर 80 विधानसभा क्षेत्र किये जा सकते हैं। फिर नूरपुर मंडल में चार विधायको की बजाए पांच विधायक विधानसभा में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
सुदर्शन शर्मा ने कहा कि नूरपुर को पहले कांग्रेस सरकार ने एक्साइज व टैक्सटेशन विभाग चारो विधानसभाओं के लिए व पिछली भाजपा सरकार के रहते नुरपुर से विधायक व वन मंत्री राकेश पठानियां के प्रयासों से पुलिस जिला का दर्जा प्राप्त है जो कि जिले की राह पर अग्रसर है! लेकिन नूरपुर को पूर्ण जिले की अव भी दरकार है।
शर्मा ने कहा कि राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो नूरपुर में लोकनिर्माण विभाग का, सर्किट हाउस, भवन , पॉलटेक्निकल कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएट क्लासेज का प्रावधान, पर्यटन विकास निगम होटल को राज्यस्तर के आधार पर अपग्रेड किया जाना, माननीय उच्च न्यायालय बेंच को मासिक आधार पर एक दिन नूरपुर न्यायालय के न्यास में स्थापित किया जाना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यह तमाम प्रारूप जिला स्तर का ढांचा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *