एनआईए को आशंका: पंजाब में बड़े हमले की तैयारी में आतंकी
चंडीगढ़: पिछले 25 दिनों में पंजाब में पुलिस थानों पर आठ से ज्यादा हमले हो चुके है। सभी हमलों पर पंजाब पुलिस के अधिकारी पहले कहते हे कि कोई धमाका नहीं हुआ और बाद में मामला दर्ज कर लिया जाता है। कोई भी अधिकारी इन मामलों में अभी तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया है कि हमलों में हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया है या फिर आइइडी का। गनीमत रही है कि अब तक किसी की तरह का जानी नुकसान इन हमलों में नहीं हुआ है। पंजाब पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक अब तक हुए हमलों को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कुछ इनपुट मांगें थे जोकि शेयर किए गए है।
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने पुलिस को खालिस्तानी आतंकी संगठनों की ओर से बड़े हमले को लेकर आशंका जताई है। इसी कड़ी में चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस मुख्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इनपुट में पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाने को भी कहा गया है।
उधर पंजाब पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस के अधिकारियों के मुताबिक पुलिस थानों पर लगातार हो रहे हमलों में खालिस्तानी आतंकी 1984 में इस्तेमाल किए गए डेड ड्रॉप मॉडल के आधार पर हमले कर रहे हैं। यह मॉडल विदेशों से निर्देशित हो रहा है। इन हमलों में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाता है, जिन्हें इलाके की अच्छी जानकारी होती है। पंजाब पुलिस के साथ एनआईए ने एक रिपोर्ट साझा की है। बीते दिनों पंजाब में की गई छापेमारी के दौरान कुछ चीनी उपकरण बरामद किए हैं, जिनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों और एआई तकनीक के जरिए विस्फोटक तैयार करने में किया जा सकता है। ये उपकरण आमतौर पर सेना की ओर से इस्तेमाल किए जाते हैं। दरअसल डेड ड्राप माडल एक प्रकार की टारगेट किलिंग है, जिसमें किसी इमारत, संस्था या व्यक्ति को निशाना बनाकर हमला किया जाता है। हमलावर पहले अपना लक्ष्य चुनते हैं और फिर घटना को अंजाम देते हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस थानों और चौकियों पर ग्रेनेड हमला कर खालिस्तानी आतंकी संगठन सीधे तौर पर पुलिस को चुनौती दे रहे है।
