डल्लेवाल की सेहत नाजुक, संक्रमण का खतरा बढ़ा
संगरूर: सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून सहित अन्य मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 22वें दिन भी जारी रहा।
उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रहे डॉक्टरों का कहना है कि डल्लेवाल की सेहत नाजुक बनी हुई है। उनको संक्रमण का भी अधिक खतरा हो गया है।
संक्रमण से बचाने के लिए उनसे मिलने आने वाले लोगों को मास्क पहनकर ही जाने दिया जा रहा है। इसी बीच, किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि मंच पर ही जगजीत सिंह डल्लेवाल के लिए शीशे का कमरा बनाया जाएगा ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके।
उधर, सेहत व परिवार कल्याण विभाग की डायरेक्टर डॉ. हतिंदर कौर कलेर डल्लेवाल के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए खनौरी पहुंचीं। टीम के डॉ. गुरप्रीत सिंह ने बताया कि डल्लेवाल का बीपी 110/70, पल्स स्तर 74, आक्सीजन स्तर 98, तापमान 97.3 व शुगर का स्तर भी कम है।
डल्लेवाल ने कहा कि अमित शाह जिम्मेदार पद पर बैठे होने के बावजूद भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। शाह ने दावा किया कि सरकार किसानों को फसल के एमएसपी से साढ़े तीन गुणा अधिक मूल्य दे रही है, जबकि यह सरासर गलत है। भाजपा की सरकार के दौरान वर्ष 2014-2024 तक दस वर्ष में गेहूं के दाम में मात्र 56% की बढ़ोतरी हुई।
वहीं, महंगाई 56.53 56 % बढ़ी है। चार वर्षों में वित्त मंत्रालय ने जितना बजट कृषि मंत्रालय को दिया था, उसमें से भी 1 लाख करोड़ रुपये मंत्रालय ने मंत्रालय को लौटाया। यह दिखाता है कि सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है। अगर सरकार साढ़े तीन गुणा मूल्य अधिक दे रही है तो एमएसपी गारंटी कानून बनने में क्या दिक्कत है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर घोषणा की कि 18 दिसंबर को किसान दोपहर 12 से 3 बजे तक रेल रोको आंदोलन के तहत ट्रैक को अवरुद्ध करेंगे।
किसानों के धरने में हुई राजनीतिक पार्टियों की एंट्री
फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा पिछले दस महीने से किए जा रहे संघर्ष में अब राजनीतिक पार्टी की एंट्री हो गई है। रविवार को विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा खनौरी बार्डर पर आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिले थे।
सोमवार को भी कांग्रेस के प्रदेश प्रधान व लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने डल्लेवाल से मुलाकात की। यही नहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर कंग भी डल्लेवाल से मिलने पहुंचे। इसे बड़ी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है। अभी तक किसान संगठनों ने राजनीतिक पार्टियों को अपने संघर्ष से दूर ही रखा था।
