हिमाचल में समोसा के बाद अब सीएम का जंगली मुर्गा प्रकरण चर्चा में: भाजपा
शिमला: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया विभाग प्रभारी चेतन ब्रागटा ने जंगली मुर्गे प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जो दौरा चौपाल विधानसभा क्षेत्र में हुआ वहां पर एक गांव टिक्कर में उनको रात्रि भोज पर जंगली मुर्गा परोसा गया और वह जंगली मुर्गा गवर्नमेंट द्वारा प्रकाशित किए गए मेन्यू पर भी अंकित किया गया है, यह साफ तौर पर गैर कानूनी है। चेतन ने कहा कि जंगली मुर्गा प्रोटेक्टेड कैटेगरी में आता है। यानि शेड्यूल बर्ड की श्रेणी में और मुख्यमंत्री का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उसमें भी साफ दिख रहा है कि गवर्नमेंट ऑफिशियल्स और सीएम के साथ गए मंत्री उनको प्रेरित कर रहे हैं कि वे जंगली मुर्गे को खाएं।
चेतन ने कहा कि यह नैतिकता का भी उल्लंघन है। हिमाचल प्रदेश देवभूमि है यहां जंगली जानवरों के साथ पशु पक्षियों को भी समान आदर दिया जाता है और इस प्रकरण से साफ झलकता है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार हिमाचल प्रदेश में वह कितनी गंभीर है। चेतन ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप मीडिया के सामने आएं और जो यह पूरा प्रकरण हुआ है उस पर देवभूमि हिमाचल की जनता से माफी मांगे और जो लोग इसमें सम्मिलित हैं उन पर सख्त से सख्त कारवाई की जाए, ऐसी भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री जी से डिमांड करती है।
उन्होंने कहा कि अभी समोसा प्रकरण खत्म नहीं हुआ और जंगली मुर्गे की कहानी चर्चा में आ गई है। हिमाचल में जंगली मुर्गे की सारी प्रजातियां वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट 1972 और वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन अमेंडमेंट एक्ट 2022 के तहत शेड्यूल्ड वन में रखी गई है। शेड्यूल 1 में वही प्रजातियां रखी जाती हैं जो हाईली एंडेंजर्ड होती हैं और जिनका शिकार और किसी प्रकार से वध अपराधिक कृत्य माना जाता है और उसमें सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में 3 साल से 7 साल की बीच की सजा का प्रावधान है।
