समोसे बनाने वाले का बेटा बना फिजीयोथैरेपिस्ट
23 वर्ष की उम्र में बंगाणा का अंकुश बना फिजीयोथैरेपिस्ट, आईजीएमसी शिमला में दे रहा सेवाएं
अजय कुमार, बंगाणा, 6 जून। मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता है, हौंसलों से उड़ान होती है। इस कथन को उपमंडल बंगाणा के रमेश शर्मा ने अपने बेटे को फिजियोथैरेपिस्ट बनाकर सिद्ध कर दिखाया है। रमेश शर्मा मूलत: रायपुर मैदान के स्थाई निवासी हैं। रोजी-रोटी कर तलाश में बंगाणा आए और समोसे बेचने का काम शुरू किया। काम भी निकल पड़ा और देखते ही देखते रमेश के बच्चे भी बड़े हो गये। रमेश शर्मा के बेटे अंकुश शर्मा ने प्राथमिक और उच्च शिक्षा आर्य पब्लिक स्कूल बंगाणा से पूरी कर ग्यारहवीं और बाहरवीं की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंगाणा से पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के उपरान्त अब बेटे को कोई एक डिग्री कराने की कदमताल शुरू हो गई। बाप और बेटे ने मैडीकल लाईन में जाने का निर्णय लिया और रमेश शर्मा ने अपने बेटे अंकुश को चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में फिजीयोथैरेपी में दााखिला दिलवा दिया। पिता रमेश शर्मा ने बताया कि अंकुश ने डिग्री पूरी करने के उपरान्त आईजीएमसी शिमला में ट्रेनिंग ली और वहीं पर फिजीयोथैरेपिस्ट के रूप मेें अपनी सेवाएं देने लगा। मात्र 23 वर्ष की उम्र में बंगाणा का अंकुश फिजीयोथैरेपिस्ट बनकर उन युवाओं के लिए मिसाल है जो अपने पिता की मेहनत की कमाई को अपने एशो आराम में उड़ाकर और गलत संगतों में फंसकर अपने भविष्य को भी बर्वाद कर लेते हैं। डॉ. अंकुश शर्मा का कहना है कि मेरे पिता रमेश शर्मा और माता रितु देवी ने मुझे इस मुकाम तक पहुँचाने में काफी मुश्किलों का सामना किया है। अब सपने मेरी मुट्ठी में हैं, माँ और पिता की कुर्बानियों को मैं जाया नहीं होने दूँगा। उन्हें वो हर सुख दूँगा, जिनके वे हकदार हैं। बता दें कि अंकुश शर्मा की एक छोटी बहन राधिका शर्मा भी है। सातवीं कक्षा की छात्रा है। वह भी डॉक्टर बनना चाहता है और समाज के लिए अपनी सेवाएं देना चाहती है। अंकुश शर्मा ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवा हमेशा अपना लक्ष्य तय करें और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरन्तर मेहनत करनी चाहिए। क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग स्थानीय प्रधान विजय शर्मा, उप प्रधान अजय शर्मा, केवल शर्मा, नरेश कुमार, सुशील कुमार नरेंद्र कुमार, जीत शर्मा आदि ने अंकुश और उनके पिता को इस उपलब्धि के लिए बधाईयां दी हैं।
