संजौली मस्जिद का अवैध हिस्सा 20 दिनों में गिराना होगा
हिमाचल में कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की
शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित संजौली मस्जिद विवाद में शनिवार को डिस्टिक कोर्ट ने ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन की अर्जी को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने नगर निगम कमिश्नर के मस्जिद को तोड़ने के आदेशों को चुनौती दी थी। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज प्रवीण गर्ग ने नगर निगम कमिश्नर के फैसले को सही ठहराया है। अब 20 दिसंबर तक मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ना होगा। मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर तीनों मंजिलें तुड़वाने का काम करेगी। अब तक मस्जिद की छत और एक मंजिल की दीवार हटाई गई है, बाकी का कार्य याचिका के बाद रोक दिया गया था। नगर निगम कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की अवैध रूप से बनी तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे जिसके बाद मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन कमिश्नर के फैसले के विरुद्ध कोर्ट में चुनौती दी थी। संगठन की तरफ से दलील दी गई थी कि मोहम्मद लतीफ नाम का व्यक्ति जिसने मस्जिद गिराने की सहमति दी है, वह इसके लिए अधिकृत नहीं है। इस पर कोर्ट ने बोर्ड से मोहम्मद लतीफ को लेकर जवाब मांगा था, जिसकी सुनवाई के रूप में 2006 का एक दस्तावेज प्रस्तुत किया गया था जिसमें मोहम्मद लतीफ को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बनाने की बात कही गई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था व आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है।
