खाद विक्रेता किसानों को सही जानकारी दें: अमरजीत सिंह
संदीप गिल, नंगल, किसानों को खेती के लिए आवश्यक उर्वरक उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत हिमांशु जैन डिप्टी कमिश्नर रूपनगर के निर्देश पर विभिन्न टीमें उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों और गोदामों की जांच कर रही हैं जिसका नेतृत्व अमरजीत सिंह कृषि अधिकारी ने किया।
कृषि अधिकारी ने बताया कि गेहूं की वृद्धि के लिए फास्फोरस एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसके लिए किसान बुआई के समय डीएपी खाद का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में ट्रिपल सुपर फॉस्फेट उर्वरक, एनपीके सिंगल सुपर फॉस्फेट और अन्य फॉस्फेटिक उर्वरकों का भी उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा बाजार में उपलब्ध अन्य फॉस्फेटिक उर्वरकों का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिए कि उर्वरक का स्टॉक शून्य होना चाहिए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि दुकान में बिना बिके उर्वरक का स्टॉक एक समान हो।
उन्होंने डीलरों को अपने लाइसेंस एवं अन्य आवश्यक कागजात पूर्ण करने तथा इसमें किसी भी प्रकार की गलती नहीं करने तथा प्रतिदिन स्टॉक बोर्ड पर उर्वरक का स्टॉक एवं दर लिखने का भी निर्देश दिया। उन्होंने किसानों से यह भी अपील की कि वे उर्वरक, कीटनाशक रसायन या बीज खरीदते समय दुकानदार से बिल अवश्य लें और यदि कोई डीलर बिल देने से मना करता है तो संबंधित कृषि अधिकारी या मुख्य कृषि अधिकारी को लिखित रूप से शिकायत करें।