मेले एवं त्यौहार हमारी समृद्ध संस्कृति के परिचायक – जगत सिंह नेगी
राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के प्रथम दिन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की
02 नवम्बर, 2024 तक किन्नौर जिला के रिकांग पिओ स्थित मिनी स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव-2024 के प्रथम दिन मुख्य अतिथि राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन-शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेले एवं त्यौहार हमारी समृद्ध संस्कृति के परिचायक होते हैं तथा आपसी सद्भाव व भाईचारा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जिला किन्नौर की संस्कृति एवं अलौकिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर प्रकृति के सौंदर्य से भरपूर है। जिला किन्नौर अपनी समृद्ध संस्कृति, वेश-भूषा, खान-पान व पहरावे के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के लोगों का जीवन कठिन होने के बावजूद भी लोगों में सरलता व विनम्रता होने के साथ-साथ सभी के प्रति आदर का भाव है जो जिला किन्नौर को अन्य जिलों से अलग बनाता है। उन्होंने कहा कि आज के इस बदलते परिवेश के उपरान्त भी जिला किन्नौर के लोग अपनी मूल संस्कृति से जुड़े है तथा अपनी सांस्कृतिक धरोहरों, रीति-रिवाजों को कायम रखे हुए हैं।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सहित जनजातीय जिलों में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जिला के किसानों व बागवानों से नवीनतम तकनीक सीख खेती करने का आह्वान किया ताकि किसान व बागवान अपनी आय को दौगुना कर सकें। उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा समय-समय पर शिविर आयोजित कर किसानों व बागवानों को नवीनतम तकनीक व उपकरणों बारे प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार वन अधिकार अधिनियम-2006 के माध्यम से उपेक्षित वर्गों को भूमि का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अधिकारियों को निर्देशों की अनुपालना पर अमल करने के आदेश दिए जा चुके हैं। इसके अलावा सूचना का अधिकार अधिनियम- 2005, मनरेगा अधिनियम-2005 एवं नौ-तोड़ अधिनियम-1968 भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार की देन है जिससे वंचित वर्गों को सशक्त बनाया गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदशर्नियों का अवलोकन भी किया तथा महोत्सव के दौरान आयोजित की जा रही विभिन्न खेल-कूद प्रतियोगिताओं का शुभारंभ भी किया।
राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के प्रथम दिन महोत्सव में जिला स्तरीय शहनाई वादन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ताकि जिला में शहनाई वादन को बढ़ावा मिल सके और इसे विलुप्त होने से बचाया जा सके।
उपायुक्त किन्नौर एवं अध्यक्ष मेला समिति किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह व खतक भेंट कर स्वागत किया तथा महोत्सव में पधारने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपस्थित जनों को महोत्सव के दौरान होने वाली गतिविधियों से भी अवगत करवाया।
इस दौरान पाईनवुड पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना भी प्रस्तुत की गई।
मेले के प्रथम दिन पहाड़ी संध्या, किन्नौरी संध्या व प्रथम सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें जिला किन्नौर व प्रदेश के अन्य नामी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।
देश व प्रदेश के नामी कलाकार अंकुश भारद्वाज, हारमनी ऑफ पाईनस व रोहनी डोगरा ने अपनी कला का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक संध्या का समा बांधा।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री की धर्मपत्नी सुशीला देवी, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के निदेशक बिक्रम सिंह, ए.पी.एम.सी के निदेशक उमेश नेगी, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्षा सरोज नेगी, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता सहित कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारीगण, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
