जिले में ग्रेप-टू प्रतिबंधों के प्रतिबंध लागू, वायु प्रदूषण कम करने के उपाय लागू
वायु प्रदूषण स्तर सुधारने के लिए प्रशासन गंभीर, अधिकारी फील्ड में उतरे
जिला उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि जिले में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर के मद्देनजर, ग्रेप-टू (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-2) लागू कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए ग्रेप-टू के तहत उपायों को लागू करने के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। पराली प्रबंधन उपायों के प्रति किसानों का जागरूक किया जा रहा है व कचरा, इंडस्ट्रियल वेस्ट व फसल अवशेष जलाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
डीसी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) स्तर 300 पार जा चुका है और ऐसे में जिले में ग्रेप-टू के नियम स्वत: लागू हो जाते हैं और प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा लगातार वायु गुणवत्ता स्तर की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि म्युनिसिपल काउंसिल को शहर में धुल कणो उडऩे से रोकने के लिए पानी के छिडक़ाव करवाने के निर्देश दिए। कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं, अगर जिले में कहीं भी फसल अवशेष जलाने की सूचना मिलते ही है तो तुरंत कार्रवाई की जाए। अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ एनजीटी के साथ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके अलावा मार्केट में दुकानदारों को कचरा न जलाने के बारे में जागरूक करें। अगर किसी मार्केट में ऐसी सूचना मिलती है तो तुरंत एक्शन लिया जाए।
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इंडस्ट्रियल वेस्ट जलाने पर होगी कार्रवाई
डीसी ने कहा कि बहादुरगढ़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्षेत्र में वेस्ट जलाने के मामलों में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी क्षेत्र में इंडस्ट्रियल वेस्ट जलने की सूचना मिलती है तो संबंधित अधिकारी तुरंत कार्रवाई करे। अगर किसी भी स्तर पर कार्रवाई में देरी की सूचना मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीजल जनरेटरों पर प्रतिबंध
एलपीजी/प्राकृतिक गैस/प्रोपेन/ब्यूटेन पर चलने वाले सभी क्षमताओं के पावर जनरेटिंग सेट्स पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसके अलावा अन्य ईंधन जैसे डीजल से चलने वाले जनरेटिंग सेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। डीसी ने कहा कि पोर्टेबल तरीके से एलपीजी, प्राकृतिक गैस आदि निर्धारित ईंधन का इस्तेमाल करते हुए जनरेटर चलाए जाएं ताकि वायु प्रदूषण ना हो।
