October 18, 2024

कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए 1,600 मीट्रिक टन प्याज नासिक से दिल्ली भेजा

नासिक: भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) द्वारा खरीदे गए 1,600 मीट्रिक टन प्याज को नासिक से दिल्ली तक कंडा फास्ट ट्रेन द्वारा भेजा जा रहा है। यह पहली बार है कि कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए रेल रेक का तरीका अपनाया गया है।भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) द्वारा खरीदे गए 1,600 मीट्रिक टन (42 बीसीएन वैगन यानी लगभग 53 ट्रक) प्याज को नासिक से दिल्ली एनसीआर तक कंडा फास्ट ट्रेन द्वारा भेजा जा रहा है। यह पहली बार है कि कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू पाने के अंतर्गत रेल रेक द्वारा प्याज के थोक परिवहन के तरीके को अपनाया गया है।

20 अक्टूबर तक पहुंचेगी प्याज की खेप:
प्याज की यह खेप 20 अक्टूबर तक राजधानी दिल्ली पहुंचेगी और स्टॉक को दिल्ली एनसीआर में वितरित किया जाएगा। जिससे इस त्योहारी मौसम के दौरान उपभोक्ताओं के लिए प्याज की उपलब्धता काफी बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग ने घोषणा की है कि मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत यह पहल की गई है। उपभोक्ता मामले के विभाग की सचिव निधि खरे ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी।

60 रुपए किलो बिक रही प्याज:
दिल्ली में अभी खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपए किलो बिक रहा है। प्याज की कीमतों में पिछले कई दिनों से उछाल है। टमाटर 100 से 120 रुपए किलो दिल्ली एनसीआर में बिक रहा है। टमाटर के संबंध में खरे ने कहा कि इनकी कीमतों में हालिया उछाल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के प्रमुख टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में अधिक वर्षा और उच्च नमी स्तर के कारण है। प्रतिकूल मौसम की स्थिति और कुछ इलाकों में बीमारियों के हमले ने टमाटर की फसल और उसकी शेल्फ लाइफ को प्रभावित किया है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से बढ़ी हुई आवक से आने वाले दिनों में टमाटर की आपूर्ति की स्थिति बेहतर होना तय है, जिससे इनकी कीमतों में कमी आएगी।सरकार ने इस वर्ष मूल्य स्थिरीकरण बफर के लिए 4.7 लाख टन रबी प्याज खरीदा था और 5 सितंबर से खुदरा बिक्री के जरिए 35 रुपए प्रति किलो और देशभर की प्रमुख मंडियों में थोक बिक्री के जरिए भी वितरण शुरू कर दिया था।

वृद्धि का सिलसिला रुका :
मंत्रालय के अनुसार प्याज निपटान की शुरुआत से लेकर अब तक प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला काफी हद तक रुक गया है। यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, झारखंड और तेलंगाना जैसे प्रमुख राज्यों में औसत खुदरा मूल्य सितंबर, 2024 के पहले सप्ताह के स्तर की तुलना में, हाल के दिनों में कम हुए हैं। लासलगांव में मंडी की कीमतें भी 24 सितंबर को 47 रुपए प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर से घटकर 15 अक्टूबर, को 40 रुपए किलोग्राम हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *