आतंकियों के निशाने पर हिन्दू, आतंकियों के नए टारगेट को लेकर नए खुलासे
जम्मू : जम्मूू-कश्मीर में आए दिन हो रहे आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और विभिन्न इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं। वहीं इन हमलों के बाद आतंकियों के नए टारगेट को लेकर खुलासे हो रहे हैं। खुलासा यह है कि आखिरकार क्या हिन्दुओं के खिलाफ कोई साजिश रची जा रही है। साजिश की बू इसलिए आ रही है क्योंकि जम्मू जोकि पूरी तरह से हिन्दू बाहुल्य है उसके आसपास के क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। जैसे कि दो दिन पहले डोडा क्षेत्र के आसपास आतंकी हमला हुआ। उससे एक हफ्ते पहले कठुआ में सेना के 2 ट्रकों पर आतंकी हमले में 5 जवानों ने बलिदान दिया। इस साल अबतक जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमले में 11 सैन्यकर्मी सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो घाटी को छोडक़र आतंकियों ने जम्मू में वारदातें इसलिए बढ़ा दी हैं ताकि हिन्दू आबादी क्षेत्रों में डर का माहौल पैदा किया जा सके। ये माहौल ठीक उसी तर्ज पर होगा जैसा कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए फैलाया गया था। 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू की कुल आबादी करीब 15 लाख है और इसमें से 84 फीसदी हिंदू और 7 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। यह भी हो सकता है कि पाकिस्तान अब कश्मीर की तरह जम्मू से भी हिंदुओं को भगाने की साजिश कर रहा हो।
2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में महज 2700 से 3400 कश्मीरी पंडित ही रह गए हैं। 2022 और 2023 में जम्मू क्षेत्र में सुरक्षाबलों पर 3-3 हमले हुए। दरअसल जब घाटी अशांत थी तो जम्मू शांत था और आतंकियों को लगने लगा था कि उनकी जड़ें उखड़ चुकी हैं इसलिए वह अब घाटी की बजाय जम्मू का रुख किए हुए हैं। इन आतंकियों को पाकिस्तान का पूरा समर्थन प्राप्त है।
