February 5, 2025

स्वास्थ्य के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक है शहद

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शहद के फायदे के बारे में आयुर्वेद में भी प्रमुखता से वर्णन मिलता है। शहद मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस से बनाया गया एक तरल पदार्थ है। इसे मधुमक्खियों द्वारा कई चरणों में काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है।

स्वास्थ्य के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक है शहद

आयुर्वेद में शहद को एक औषधि का दर्जा हासिल है। दुनिया भर में लोग मिठास के लिए भी शहद का इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ दशकों में शहद पर हुए कई वैज्ञानिक शोध आयुर्वेद में बताए इसके गुणों की पुष्टि करते हैं। शहद का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आया है। शहद के फायदे के बारे में आयुर्वेद में भी प्रमुखता से वर्णन मिलता है। शहद मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस से बनाया गया एक तरल पदार्थ है। इसे मधुमक्खियों द्वारा कई चरणों में काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है।

शहद में पाए जाने वाले वाले पोषक तत्व

शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। शहद में मुख्य रुप में फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं। एक चम्मच शहद में लगभग 64 कैलोरी और 17 ग्राम शुगर (फ्रक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज एवं माल्टोज) होता है। शहद में फैट, फाइबर और प्रोटीन बिल्कुल भी नहीं होता है।

शहद के औषधीय गुण

शहद के औषधीय गुणों की बात करें तो यह अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी मानी जाती है। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही शहद को औषधि माना गया है। आज के समय में मुख्य रूप से लोग त्वचा में निखार लाने, पाचन ठीक रखने, इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने, वजन कम करने आदि के लिए शहद का उपयोग करते हैं। इसके अलावा शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिसकी वजह से घाव को भरने में या चोट से जल्दी आराम दिलाने में भी यह बहुत कारगर है।

शहद खाने का सही तरीका

रोजाना एक से दो चम्मच शहद सीधे तौर पर खा सकते हैं या इसे दूध में इसे मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा खाली पेट हल्के गुनगुने पानी के साथ शहद का सेवन वजन कम करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। कुछ लोग हल्के गुनगुने पानी और शहद के मिश्रण में नींबू मिलाकर भी सेवन करते हैं। शहद खाने के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित प्रकार से हैं:-

शहद के फायदों को देखते हुए ही आयुर्वेद में इसे अमृत समान माना गया है। छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक शहद सभी के लिए उतनी ही फायदेमंद है। नियमित रुप से शहद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।

खांसी से आराम

अगर आपकी खांसी कई दिनों से ठीक नहीं हो रही है तो आप शहद का इस्तेमाल करें। यह खांसी से आराम दिलाने की असरदार घरेलू दवा है। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को और बढ़ने से रोकते हैं साथ ही यह कफ को पतला करती है जिससे कफ आसानी से बाहर निकल जाता है। खासतौर पर जो लोग सूखी खांसी से परेशान रहते हैं उन्हें शहद से जल्दी आराम मिलता है। खांसी से आराम पाने के लिए रात में सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पियें। यह बलगम को पतला करने के साथ साथ खांसी से जल्दी आराम दिलाती है। इसके अलावा अदरक और शहद से तैयार पेय भी खांसी से आराम दिलाने में कारगर है।

कटने या जलने पर

त्वचा के कटने-छिलने या जल जाने पर भी शहद का उपयोग करना बहुत लाभकारी है। शहद में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण जले हुए हिस्से को जल्दी ठीक करते हैं और त्वचा को संक्रमण से भी बचाते हैं। अगर त्वचा में हल्की खरोंच आ गई है या कोई हिस्सा मामूली रूप से जल गया है तो उस हिस्से पर शहद लगाएं। यह जलन को कम करती है और उस हिस्से में संक्रमण को रोकती है।

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वजन कम करने में सहायक

बढ़ते वजन या मोटापे से परेशान हैं तो शहद के सेवन से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। बता दें कि शहद में वसा बिल्कुल भी नहीं होता है। यह वजन को नियंत्रित रखने के साथ साथ शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करती है। इसलिए नियमित रूप से शहद का सेवन करें। वजन को नियंत्रित करने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें। इसे पीने के आधे से एक घंटे तक कुछ भी न खाएं। इस मिश्रण में आधे नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक

शहद में ज़रुरी एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिल के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और दिल से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से बचाव करते हैं। इसके अलावा शहद का मुख्य काम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है। इम्युनिटी पॉवर मजबूत होने से कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। शरीर की इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना एक से दो चम्मच शहद को हल्के गुनगुने दूध में मिलाकर पियें। दूध में शहद डालकर पीने से यह और ज्यादा गुणकारी हो जाता है।

घाव भरने में मदद

शहद में मौजूद तत्वों फ्लेवोनॉयड, फेनोलिक एसिड और लैसोजाइम में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को रोकते हैं और क्षतिग्रस्त ऊतकों और कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करती है। घाव वाली जगह पर सीधे शहद लगाएं और अगर घाव में जलन भी हो रही है तो शहद में गुलाब जल मिलाकर सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाएं।

गले की खराश

शहद के फायदे की लिस्ट में गले की खराश दूर करना भी शामिल है। यह खांसी और सर्दी-जुकाम से तो आराम दिलाती ही है साथ ही अगर आपका गला बैठ गया है या गले में खराश है तो भी आप शहद का सेवन करके आराम पा सकते हैं। गले की खराश से जल्दी आराम पाने के लिए एक चम्मच अदरक के रस में एक से दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।

कब्ज़ से राहत

पेट से जुड़ी कई समस्याओं की मूल जड़ कब्ज़ ही है। शहद शरीर में फ्रक्टोज के अवशोषण को कम करती है इस वजह से आप इसका उपयोग कब्ज़ को दूर करने में भी कर सकते हैं। कब्ज़ से आराम दिलाने के अलावा यह पेट फूलने और गैस की समस्या से भी आराम दिलाती है।
कब्ज़ से आराम पाने के लिए रोजाना रात में सोने से पहले एक गिलास हल्के गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें।

त्वचा के लिए लाभदायक

शहद के फायदे सिर्फ पाचन और इम्युनिटी बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह त्वचा में निखार लाने में भी मदद करती है। शहद में ऐसे गुण होते हैं जो आस पास की नमी को सोख लेती है और त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करती है। जिन लोगों की त्वचा बहुत रुखी होती है उन्हें अपनी त्वचा को नम बनाये रखने के लिए शहद का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि त्वचा में निखार लाने के लिए इसे खाने की बजाय इसे त्वचा पर लगाया जाता है।

त्वचा के लिए आप कई तरीकों से शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। रूखी त्वचा के लिए एक चम्मच शहद लें और इसे त्वचा के रुखे हिस्से पर लगाएं। 15-20 मिनट तक इसे सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें। इसे एक हफ्ते में तीन चार बार प्रयोग करें।

चेहरे की चमक बढ़ाने के लिए शहद से तैयार फेसपैक का इस्तेमाल करें। आमतौर पर शहद और नींबू, शहद और दूध, शहद और केला एवं शहद और योगर्ट से तैयार फेसपैक ज्यादा फायदेमंद होते हैं।

बालों के रूखेपन के कारण बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। शहद के उपयोग से बालों की सुन्दरता बढ़ती है और उनके रुखेपन में कमी आती है। शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों के लिए फायदेमंद है। यह फ्री रेडिकल को हटाती है और ज्यादा देर तक धूप में रहने से या किसी हानिकारक केमिकल से बालों को होने वाले नुकसान को रोकती है। शहद से बालों को सही पोषण भी मिलता है।

बालों के लिए कई तरीकों से शहद का उपयोग कर सकते हैं जिसमें दही के साथ शहद को मिलाकर हेयर मास्क बना लें और इसे बालों पर लगाएं। इससे खराब बालों को पोषण मिलता है।
शहद और अंडे से बना हेयर मास्क ख़राब बालों की मरम्मत करते हैं।
शहद और एलोवेरा का मिश्रण बालों के बढ़ने में मदद करता है।

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मुंहासे दूर करने में उपयोगी

शहद में मौजूद जायलोज और सुक्रोज, वाटर एक्टिविटी को कम करते हैं और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। इस वजह से शहद मुहांसे दूर करने में काफी उपयोगी है। इसके लिए रात में सोने से पहले शहद की थोड़ी सी मात्रा लेकर सीधे मुंहासे पर लगाएं और रात भर के लिए सूखने दें। अगली सुबह इसे ठंडे पानी से धो लें।

शहद के नुकसान और सावधानियां

ज़रुरत से अधिक मात्रा में या गलत चीजों के साथ शहद मिलाकर खाते हैं तो इससे शहद के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। जानते हैं कि शहद के नुकसान क्या हैं और किन परिस्थितियों में या किन चीजों के साथ शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।

अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें

अगर आप सामान्य रूप से खाने में शहद का सेवन कर रहे हैं तो दिन भर में एक से दो चम्मच का सेवन पर्याप्त है और अगर आप इसे औषधि के रूप में या त्वचा के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा बताए खुराक के अनुसार ही सेवन और उपयोग करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से शहद के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं और इससे उल्टी-मिचली आना और कुछ मामलों में डायरिया की शिकायत हो सकती है।

एक साल से कम उम्र के बच्चे को न खिलाएं शहद

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में ऐसा माना गया है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। इससे बच्चों में बोटुलिज़्म का खतरा हो सकता है। इसलिए अगर आप एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद खिलाना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर की सलाह लें। इसी तरह छोटे बच्चों की त्वचा पर भी शहद लगाने से परहेज करना चाहिए।

पराग कणों से एलर्जी वाले लोग न खाएं शहद

जिन लोगों को पराग कणों से एलर्जी है उन्हें शहद के सेवन या उपयोग से परहेज करना चाहिए। शोध के अनुसार जिन लोगों को पराग कणों से एलर्जी होती है, अगर वे शहद का उपयोग करते हैं तो उनकी एलर्जी और बढ़ सकती है।

संवेदनशील त्वचा वाले लोग करें परहेज

अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है तो सीधे तौर पर शहद न लगाएं, बल्कि शहद में गुलाब जल या दूध मिलाकर उसे पतला कर लें और फिर उसे त्वचा पर लगाएं। दूध और शहद का मिश्रण त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।

डायबिटीज के मरीज ध्यान रखें

जिन लोगों का डायबिटीज नियंत्रण में है वे खाने के तौर पर शहद का सेवन कर सकते हैं। शहद के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे डायबिटीज से होने वाली समस्याओं से बचाव होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है तो फिर शहद के सेवन से परहेज करें। मधुमेह के मरीज शहद का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।

ब्लड प्रेशर के मरीज

अगर आप पहले से हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां ले रहे हैं तो रोजाना शहद खाने के दौरान अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांच करते रहें।

समान मात्रा में घी और शहद न लें

आयुर्वेद में घी और शहद की समान मात्रा का एक साथ सेवन न करने की सलाह दी गयी है। आयुर्वेद में इसे विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए घी के साथ शहद का समान मात्रा में सेवन न करें।

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान

वैसे तो शहद के फायदे हर उम्र के लोगों के लिए उपयोगी हैं लेकिन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें। अगर आप शहद का सेवन औषधि के रुप में करना चाहती हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करें।

गर्म पानी में डालकर न पियें

गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि पानी एकदम खौलता हुआ नहीं होना चाहिए और कभी भी शहद को पानी में डालकर उबालें नहीं क्योंकि ये भी विरुद्ध आहार की श्रेणी में आते हैं। इसलिए हमेशा हल्के गुनगुने पानी या सामान्य तापमान वाले पानी के साथ ही शहद का प्रयोग करें।
शहद हमारे शरीर के लिए अमृत के समान है और इसका प्रयोग सावधानी और विधिपूर्वक करने से ही शरीर को इसका लाभ प्राप्त होता है। शहद के बारे में अधिक जानकारी न होने की सूरत में इस प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना बेहतर रहेगा।