जी-20 के सफल आयोजन से देशवासी गदगद
1 min read
नई दिल्ली में जी-20 समिट के सफल आयोजन से देशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। नई दिल्ली पहुंचे विश्व के शीर्ष नेताओं ने इस सफल आयोजन पर भारत को जहां बधाई दी है वहीं दुनिया भर के देशों ने इस दौरान भारत के बढ़ते कद को देखा ही नहीं बल्कि महसूस भी किया। भारत ने जिस कूटनीतिक सूझबूझ के साथ इस आयोजन को सफल बनाया उस से विश्व भर में भारत को नए रूप में पहचान मिलना स्वाभाविक है। भारत ने जी-20 के दिल्ली घोषणा पत्र पर सर्वसम्मति बनाकर भी सबको हैरान कर दिया है। मतलब स्पष्ट है कि विश्व में भारत को जो सम्मान मिल रहा है, भारतीयों को उसे देखना एक स्वप्न के सरकार होने जैसा है। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण ही संभव हो पाया है। समिट के आखिरी सेशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया बदल रही है, इसके साथ दुनिया के संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अभी तक उतने ही सदस्य हैं जितने इसकी स्थापना के समय थे। स्थाई देशों की संख्या बढ़ाने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया को भुखमरी से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया। नई दिल्ली में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन पर दुनिया भर की निगाहें रहना इसलिए भी स्वाभाविक है क्योंकि इस समय विश्व के अधिकतर देश आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। वे देखना चाहते थे कि भारत की अध्यक्षता में हो रहे इस शिखर सम्मेलन में विश्व को लेकर क्या फैसले लिए जा रहे हैं। इसके अलावा दुनिया भर के देश इस समय खेमेबाजी में बंटे हैं। ऐसी हालत में किसी सांझे एजेंडे पर सहमति बनाना एक बड़ी चुनौती था। भारत विश्व कल्याण की बात हमेशा करता रहा है और विकासशील और निर्धन देशों के कल्याण के लिए हमेशा चिंतित रहा है। इसलिए भी विश्व का ध्यान इस सम्मेलन की तरफ रहा है। भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए जो कूटनीतिक कौशल का परिचय दिया है वैसा इसके पहले शायद ही इस समूह की अध्यक्षता करने वाले किसी देश ने दिया हो। भारत की अध्यक्षता में जी-20 समूह के प्रतिनिधियों की अभी तक जो तमाम बैठकें हुई उनमें भी कहीं अधिक विविधता देखने को मिली। इन बैठकों में हर उस विषय पर चर्चा हुई जो विश्व समुदाय को प्रभावित करते हैं। भारत ने अन्य विषयों के साथ-साथ इस बात पर भी बल दिया कि डिजिटल क्रांति का लाभ विश्व के निर्धन व वंचित लोगों को भी मिलना चाहिए। स्पष्ट है कि इससे भारत के प्रति विश्व की धारणा बदलेगी और ऐसा होने भी लगा है। क्योंकि दुनिया के कई बड़े और संपन्न देश इससे चकित है कि भारत ने तकनीक का किस तरह बड़े पैमाने पर उपयोग कर अपने लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के साथ उनके जीवन को सुगम बनाया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल और उद्देश्यपूर्ण आयोजन से भारत का अंतरराष्ट्रीय कद एवं उसकी महता कहीं अधिक बढ़ गई है।