श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया
ऊना /सुखविंदर/7सितंबर / गगरेट विधानसभा क्षेत्र के डेरा बाबा अच्युतानंद आश्रय अमलैहड़ , गगरेट के राधा कृष्ण मंदिर, कैलाश नगर नकड़ोह के बांके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों को रंगीन झालरों व गुब्बारों के साथ दुल्हन की तरह सजाया गया था। श्रद्धालुओं ने दिन भर उपवास रखने के बाद कन्हैया की आराधना की। घरों में भी देर रात 12 बजे श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया।इस दौरान शंख घड़ियाल की गूंज से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।इस अवसर पर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें साध्वी कात्यायनी भारती, साध्वी प्रियंका भारती और साध्वी वसुधा भारती ने अपनी मधुर वाणी से श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।इस अवसर पर साध्वी कात्यायनी भारती ने मनुष्य जीवन के प्रसंग पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता इसलिए इस कलयुग में दया, धर्म भगवान के स्मरण से ही सारी योनियों को पार कर सकता है। साध्वी जी ने मनुष्य जीवन का महत्व समझाते हुए कहा कि मनुष्य को भगवान की भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में प्राणी संस्कारों से दूर भाग रहा है।जीव के बिना शरीर निरर्थक होता है। ऐसे ही संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता। उन्होंने कहा कि प्रभु की भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए। साध्वी कात्यायनी भारती ने कहा कि सर्वव्यापी परमात्मा सबके हृदय में विराजमान हैं। सुनने, देखने और समझने के साधन में सबके साथ एक जैसा ही है। सिर्फ नामों में अंतर और खाने और त्यागने के साधन भी एक हैं। उन्होंने कहा कि कहने का अभिप्राय यह है कि आप को यह मनुष्य तन मिला है,जो दुर्लभ है।इसे व्यर्थ न गंवाएं। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण जब गोपियों का माखन चुराकर खा जाते थे तो गोपियां कहती हैं कि कृष्ण ने माखन चुरा लिया। उन्होंने कहा कि कन्हैया का माखन चुराकर खाना इस बात का प्रतीक है कि सार को खत्म करें। उन्होंने कहा कि दूध का सार क्या है माखन है। दुनिया का सार क्या है हमारा भगवान है। उन्होंने कहा कि जीवन में अगर संघर्ष आ भी जाए तो कभी घबराना नहीं बल्कि आगे बढ़ते जाना है।इस दौरान साध्वी प्रियंका भारती और साध्वी वसुधा भारती ने काली कंबली वाला मेरा श्याम है,हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की,नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की आदि भजन गाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया और श्रद्धालुओं को नाचने पर मजबूर कर दिया। कृष्ण जन्म उपरांत आए हुए श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
