राज्यपाल ने पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा ‘मेरे पास कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं’
संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदी
सुधीर शर्मा, पंजाब के राज्यपाल बी एल पुरोहित ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि राजभवन द्वारा मांगी गई जानकारियां सरकार की ओर से उन्हें नहीं दी जा रही है। अपने पत्र में पुरोहित ने कहा है कि यह संवैधानिक कर्तव्यों का अपमान है व मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं रह गया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा है कि भविष्य में उन्होंने गवर्नर हाउस के पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पता चला है कि राज्यपाल ने यह पत्र 15 अगस्त को मुख्यमंत्री को भेजा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बी एल पुरोहित ने लिखा है कि पंजाब में नशा चरम पर है। राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। हाल ही में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एनसीआरबी और चंडीगढ़ पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया है। राज्यपाल ने लिखा है कि संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को ड्रग्स मामले में राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत गवर्नर हाउस भेजने के निर्देश भी दिए हैं। राज्यपाल ने लिखा है कि संवैधानिक तंत्र की सफलता के बारे में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी जानी है। उन्होंने लिखा है कि आईपीसी की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का फैसला लेने से पहले वे जानकारी मांग रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में जानकारी न दिए जाने की सूरत में उनके पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। राज्यपाल ने लिखा है कि 1 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र का उत्तर न आने की सूरत में वे फिर पत्र लिख रहे हैं और यह माना जा सकता है कि मुख्यमंत्री जानबूझकर यह जानकारियां उन्हें नहीं देना चाहते। राज्यपाल ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी का भी हवाला दिया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों के पदों को संवैधानिक पद बताया है व स्पष्ट किया है कि दोनों की संविधान द्वारा व्यक्त भूमिकाएं और दायित्व है। राज्यपाल ने अनुच्छेद 167 का हवाला देते हुए कहा है कि उन्हें राज्य के प्रशासनिक और कानूनी प्रस्तावों के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार है और मुख्यमंत्री यह जानकारी देने के लिए बाध्य है। राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें जानकारी उपलब्ध करवाना मुख्यमंत्री आवश्यक नहीं समझते और उसके विपरीत अनुचित टिप्पणियां कर उनके कार्यालय व उनके व्यक्तित्व के प्रति अपना अनुचित भाव प्रकट करते हैं।
यहां बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित के बीच पिछले काफी अर्से से संबंध खराब चल रहे हैं। दोनों के बीच कई मुद्दों पर टकराव हो चुका है। पंजाब की राजनीति में यह सब पहले कभी देखने को नहीं मिला है। भगवंत मान राज्यपाल पर आरोप लगाते हैं कि वह केंद्र के इशारे पर राजनीति कर रहे हैं जबकि राज्यपाल मुख्यमंत्री पर संवैधानिक जिम्मेवारियों का उल्लंघन करने और अनुचित आचरण करने का आरोप लगाते रहे हैं।
