शिव पार्वती विवाह प्रसंग सुनाया गांव काहरू में
1 min readउना/सुखविंदर/05अगस्त/ चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के गांव काहरू नजदीक शीतला माता मंदिर में चल रहे श्री शिव महापुराण के पंचम दिवस पर आज शिव -पार्वती विवाह एवं शिव चरित्र का वर्णन किया गया। कथावाचक ठियोग के आदर्श शर्मा जी महाराज ने जीवन में राम नाम स्मरण का महत्व समझाते हुए शिव -पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। सुंदर सुंदर भजन से” शिव को ब्याहने चले”भोले की बारात चली सज धज चली सहित अन्य पर नाचे झूम श्रद्धालुओं ने आंनद लिया व शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने कहा कि जीवन रूपी नैया को पार करने के लिए राम नाम ही एकमात्र सहारा है। वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी ना हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दें। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार चढाव आते ही रहेंगे।राम नाम का स्मरण करने मात्र से हर विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। लेकिन, अमूमन सुख हो या दुख हम भगवान को भूल जाते हैं। दुखों के लिए उन्हें दोष देना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हाथ की रेखा देखकर बोला वो नारद जोगी मतवाला जिससे तेरा व्याह रचेगा वो होगा डमरू वाला,भजन के साथ शिव पार्वती विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला। कथावाचक आदर्श शर्मा ने कहा कि नारद मुनि भगवान शिव एवं पार्वती विवाह का रिश्ता लेकर आए थे। उनकी माता इसके खिलाफ थी।उनका मानना था कि शिव का कोई ठोर ठिकाना नहीं है। ऐसे पति के साथ पार्वती का रिश्ता निभाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने विरोध भी किया। लेकिन माता पार्वती का कहना था कि वे भगवान शिव को पति के रूप में स्वीकार कर चुकी है तथा उनके साथ ही जीवन जीना चाहेगी। इसके बाद दोनों का विवाह हो सका। कथा में गाए गए मधुर भजनों पर श्रोतागण भाव विभोर होकर नाच उठे। कथा उपरांत श्रद्धालुओं ने प्रसाद भी ग्रहण किया।