किश्तवाड़ में बादल फटने से 60 लोगों की मौत
100 से ज़्यादा घायल, बचे लोगों ने बताई भयावह कहानी
श्रीनगर, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज़्यादा घायल हो गए हैं। गुरुवार को किश्तवाड़ के सुदूर पहाड़ी गाँव चिसोती में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने तबाही मचा दी। बचाव दल को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं। जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक बीएस टूटी ने बताया कि ज़्यादातर पीड़ित हिंदू तीर्थयात्री थे जो मचैल माता मंदिर की यात्रा पर जा रहे थे। उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या बढ़ने की संभावना है। यह आपदा चसोती (जिसे चिसोती भी लिखा जाता है) में दोपहर 12 से 1 बजे के बीच आई, जब सैकड़ों श्रद्धालु वार्षिक यात्रा के लिए एकत्र हुए थे। मंदिर तक की अंतिम 8.5 किलोमीटर की यात्रा इसी गाँव से शुरू होती है। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा एवं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर स्थिति का जायजा लिया, हरसंभव मदद का वादा किया।
जम्मू-कश्मीर में प्राधिकारियों ने किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव से बरामद किए गए 60 शवों में से 21 की पहचान कर ली है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव चशोती में बृहस्पतिवार को बादल फटने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआईएसएफ) के दो जवानों समेत कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए प्राधिकारियों ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से पीड़ितों की तस्वीरें प्रभावित परिवारों के साथ साझा कीं जिसके परिणामस्वरूप बरामद किए गए 46 शवों में से 21 की पहचान की गई। अब तक 160 से अधिक घायलों को मलबे से बाहर निकाला गया है जिनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
