दिल्ली में ‘आप’ पर आई आपदा के 5 कारण
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जालंधर : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी चुनाव हार गई है और भाजपा 27 साल बाद देश की राजधानी में सरकार बनाने में कामयाब रही है। आम आदमी पार्टी की हार की कई वजहें मानी जा रही हैं जैसे कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में भ्रष्टाचार को मिटाने का वादा कर मुख्यमंत्री की कुर्सी में बैठे थे। अरविंद केजरीवाल के सीएम रहते ही उनके कई मंत्री भ्रष्टाचार के केस में फंस गए और उन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार रहते लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो वो दिल्ली की टूटी-फूटी सडक़ें और गलियां है। दिल्ली की सडक़ों यानी मुहल्ले की गलियां गैस और पानी की पाइप लाइन बिछाने से खोद दी गईं और उन्हें फिर सही नहीं किया गया।
जनता के बीच अरविंद केजरीवाल के खिलाफ यह धारणा बनती जा रही थी कि मुफ्तखोरी का लालच देकर असल मुद्दों बिजली, पानी, सडक़ सुविधा, से ध्यान भटकाया जा रहा है।
एक बात यह भी कही जा रही है कि अगर आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन कर लेती तो शायद आज स्थिति कुछ और होती। दिल्ली में अकेले चुनाव लडऩा भी आप के लिए नुकसानदायक रहा क्योंकि कांग्रेस ने भी आप के वोट काटे हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी और बाद में इस्तीफे के कारण पार्टी के नेतृत्व में अस्थिरता आई। नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की नियुक्ति के बावजूद नेतृत्व में यह बदलाव पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। सबसे बड़ी बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता में जबरदस्त तरीके से कमी आई।