युद्धग्रस्त ईरान से भारत लौटे 290 भारतीय
युद्धग्रस्त ईरान से भारत लौटे 290 भारतीय
हिंदुस्तान जिंदाबाद के लगे नारे; परिवार को देखकर नम हुईं आंखें
नई दिल्ली, ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे युद्ध की पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की। शुक्रवार देर रात इसी मिशन के तहत एक विशेष फ्लाइट 290 भारतीयों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी। विमान से उतरते ही ‘भारत माता की जय’ और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारों से माहौल गूंज उठा। कई यात्रियों की आंखों में आंसू थे और वहां मौजूद लोग इस भावुक क्षण के साक्षी बने।
इन नागरिकों में अधिकांश छात्र थे, जो ईरान के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे थे, विशेषकर तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में। इसके अलावा कुछ तीर्थयात्री भी इस मिशन का हिस्सा थे। जम्मू-कश्मीर से आए छात्रों की संख्या सबसे अधिक—करीब 190 बताई जा रही है। शेष यात्री दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से थे।
विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट, वीजा और कांसुलर मामलों के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने जानकारी दी कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में ईरान सरकार का भी अहम योगदान रहा। उन्होंने कहा कि ईरान द्वारा अपने एयरस्पेस के उपयोग की अनुमति देना इस अभियान की सफलता में निर्णायक रहा।
इससे पहले गुरुवार को भी 110 भारतीय छात्रों को आर्मेनिया और दोहा के रास्ते भारत लाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को दो और विशेष उड़ानों के पहुंचने की संभावना है, जिनमें एक तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से होगी। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने सरकार और विदेश मंत्रालय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह उन परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जो अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी को लेकर अत्यंत चिंतित थे।
‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत कुल लगभग 1,000 भारतीयों की वतन वापसी सुनिश्चित की जा रही है। पहले इन सभी नागरिकों को तेहरान से माशहद लाया गया और वहां से विशेष उड़ानों द्वारा भारत लाया गया। यह मिशन न केवल भारत की संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है, बल्कि विदेश नीति में मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने की मिसाल भी पेश करता है।
