वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13244 डेयरियां स्थापित हुई हैं: मनोहर लाल
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हरियाणा , मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में ‘सीएम की विशेष चर्चा’ कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पशुपालन विभाग की मिनी और हाई-टेक डेयरियों के लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास डेयरी एक सशक्त विकल्प है जिससे किसान को अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने छोटे किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अपना काम शुरू करने के लिए हाईटेक और मिनी डेरी स्कीम चलाई है। स्कीम के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए पशुओं की लागत पर 25% सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा, अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की स्कीम के तहत 3 पशुओं की डेरी खोलने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है। साथ ही, 20 से अधिक दुधारू पशु की हाईटेक डेयरी स्थापित करने के लिए ब्याज में छूट दी जाती है। श्री मनोहर लाल ने बताया कि इस योजना के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13244 डेयरियां स्थापित हुई हैं। पशुपालन के लिए पूंजी की आवश्यकता की पूर्ति हो सके इसके लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है। अब तक 154000 पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में श्वेत क्रांति लाने में सहकारी आंदोलन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हरियाणा में भी सहकारी दुग्ध समितियों का जाल बिछाया हुआ है, वीटा के उत्पादों का बाजार में अपना स्थान है। प्रदेश में इस समय दूध की खरीद के लिए 3300 सहकारी दुग्ध समितियां और 6 दूध प्रोसेसिंग के मिल्क प्लांट है। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों को 5 प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। सहकारी दुग्ध समितियों के दूध उत्पादकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की गई है। इस योजना के तहत उनके 10वीं और 12वीं कक्षा में 80 फ़ीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को 2100 और 5100 तक की छात्रवृत्ति दी जाती है। इस योजना के तहत अब तक 5140 दुग्ध उत्पादों के बच्चों को एक करोड़ 86 लाख की छात्रवृति दी गई।
सांझी डेयरी जैसी योजना बनाकर दुग्ध उत्पादन और डेयरी प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन योजना हरियाणा सरकार ने शुरू की है। कोई भी पशुपालक बड़े पशु का दूध उत्पादन क्षमता अनुसार 100 से 300 और छोटे पशुओं का 25 का प्रीमियम देकर बीमा करवा सकता है। अनुसूचित जातियों के पशुपालकों के पशुओं का बीमा मुक्त है औरअब तक 852000 पशुओं का बीमा किया गया है। दुर्घटना बीमा योजना के तहत सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों का 5 लाख प्रति व्यक्ति दुर्घटना बीमा शुरू किया गया है। मौजूदा वक्त में इस राशि को बढ़ाकर 10 लाख किया गया है। मनोहर लाल ने कहा कि गाय के दूध के साथ-साथ पंचगव्य उत्पादों पर भी हमें काम करना होगा। इसके तहत पशुपालन व डेयरी विभाग को सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभाग द्वारा 60431 आवेदन बैंकों को प्रायोजित किए गए इनमें से 20,000 से अधिक आवेदकों को लोन दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल की में प्रदेश में अधिक बारिश की वजह से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। इन जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए कि जिन जिलों में जलभराव की समस्या ना हो वहां से हरा और सूखा चारा मंगवा कर प्रभावित इलाकों के पशुपालकों को उपलब्ध कराया जाए।